आखोँ के लिए जरूरे बातें - Tips Of Eye Care

आंख कई छोटे हिस्सों से बनी एक जटिल ग्रन्थि है, जिनमें से प्रत्येक हिस्सा सामान्य दृष्टि के लिए जरुरी है। स्पष्ट देखने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि आंख के सभी हिस्से परस्पर बेहतर तरीके से काम करते हैं कि नहीं। बेहतर विजन के लिए दोनों आँखें एक साथ आसानी से बराबर काम करती हैं। आंख ग्लोब की आकार की होती है और इसकी मोटाई या व्यास एक इंच होती है। आंख जो हम आइने में देखते हैं वो उसका सामने वाला हिस्सा है और इसके अंदर कई भाग होते हैं जैसे-
  • आंख की पुतली (The iris)
  • कार्निया (cornea) या आंखों की पुतली की रक्षा करने वाला सफेद भाग पुतली के भीतर का गोलाकार हिस्सा जिससे होकर आंखों में रोशनी जाती है
  • श्वेत पटल (The sclera- the white part)
  • नेत्र-श्लेषमला(The conjunctiva)
आंखों की पुतली और पुतली के अंदर छिपी काली छोटी पुतली के ठीक पीछे लेंस रहता है जो रोशनी को आंखों के पीछे फोकस करने में मदद करता है और जिससे हमारा विजन बनता है। आंखों के अंदर पतली- पतली लाइट सेंसिंग कोशिकाएं होती है जिसे रेटिना कहते हैं। रेटिना का काम प्रकाश को विद्युतीय संवेग में बदलना है और इसी प्रक्रिया के फलस्वरुप हम देख पाते हैं। यह संवेग आंखों के रेटिना से गुजरते हुए मस्तिष्क के न्यूरॉन तक जाती है और हम वस्तु-पदार्थ को देखकर उसे पहचान पाते हैं। यह सारी प्रक्रिया नैनो सेकेंड में होती है।

Care

आंखो की बेहतर सेहत के लिए बेहतर खान-पान जरुरी है ताकि आंखों की रोशनी बरकरार रहे। इसके साथ आंखों के बचाव के लिए चश्मा भी उतना ही जरुरी है। ध्यान रहे नशा और धूम्रपान आंख का सबसे बड़ा दुश्मन है। अच्छा भोजन आपके भोजन में वो सारी चीजें शामिल होना चाहिए जिससे आंखों की रोशनी हमेशा बनी रहे। आपके खाने में औमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीऩ जिंक, विटामिन सी और विटामिन ई की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। इसके सेवन से आंखों की बीमारी कम होने की संभावना रहती है। हरी सब्जी, साग, अंडे और फलों के जूस आंखों के सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। नशे को कहें बाय-बाय धूम्रपान करने और नशा करने से मोतियाबिंद की संभावना ज्यादा रहती है। ग्लूकोमा में आंखों के ऑप्टिक नर्व्स के डैमेज होने की एक बड़ी वजह नशा भी है। आंखों की रोशनी को अगर ताउम्र कायम रखना चाहते हैं तो नशा छोड़ना फायदेमंद होगा। सनग्लास लगाएं एक सही धूप चश्मा आपकी आंखों को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणो से बचाता है। सूर्य की पराबैंगनी किरणें न सिर्फ आपके त्वचा को नुकसान पहुंचाती है बल्कि आंखों को भी डैमेज करती है। आंखों पर सीधे सूर्य की किरण पड़ने से मोतियाबिंद का खतरा रहता है और विजन धुंधला होने की शिकायत रहती है। कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन से थोड़ी दूरी बनाकर देखें कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठकर लंबे समय तक काम करने से आंखों की बीमारी जल्द ही आपको परेशान करने लगेगी। आंखों में दर्द, धुंधलापन, दूर की वस्तु देखने में परेशानी, आंखों का सूख जाना जैसी कई परेशानी आपको सताने लगेगी।

Tips

आंखों के बचाव के लिए इन टिप्स को आजमाएं (Taking the following steps to protect your eyes) कंप्यूटर पर काम करने के लिए आंखों के डॉक्टर के परामर्श से चश्मा बना लें। कंप्यूटर के मॉनिटर की पोजिशनिंग ऐसा करें जिससे आपके आंखों पर कम दबाव पड़े। कंप्यूटर पर एंटी ग्लैयर स्क्रीन लगा कर काम करें। अगर काम करते-करते ऐसा महसूस होने लेगे कि आंख का पानी सूख रहा है तो 20 मिनट का ब्रेक ले लें और बाहर हरियाली में घूमने चले जाएं आंखों के सेहत के लिए सुबह-सुबह खाली पैर घास और ओस पर चलना काफी फायदेमंद होता है। आंखों का रेगुलर चेकअप कराते रहें।