पेज

नान - Naan

अक्सर आपने सुना होगा कि नान बनाने के लिए खमीर और तन्दूर की जरूरत पड़ती है, लेकिन हम बिना खमीर के ही नान बनायेगें और वह भी तवे पर जो खाने में एकदम खमीर वाले और तन्दूर में सींके नान की तरह ही साफ्ट और टेस्टी लगेगा। तो आइए शुरू करते हैं नान बनाना...

सामग्री
2 कप मैदा
1 कप गेहूँ का आटा
1 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर
¼ छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
3 बड़े चम्मच दही
2 बड़े चम्मच दूध
½ कप पानी
1 छोटा चम्मच चीनी
2 बड़े चम्मच तेल
1 छोटा चम्मच नमक
ऊपर से लगाने के लिए मक्खन या घी

बनाने की विधि

सबसे पहले चीनी, दही, दूध और पानी को मिला कर फेटते हुए मिश्रण बना ले।

मैदा, आटा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा
और नमक मिला के छान ले ताकि सारी सामग्री अच्छी तरह से मिल जाये।

चीनी दही के मिश्रण को आटे में मिला के
हाथो से मुलायम आटा गूँथ ले।आटे को ढक कर आधे घटे के लिए रख दे।

आधे घटे के बाद तेल डाल के आटे को फिर से गुँथ
लें। हल्के गीले कपडे से ढक कर किसी गरम जगह पर
2-3 घंटे के लिए रख दें। जिससे उसमे खमीर उठ जाये (सर्दियों में थोडाज्यादा टाइम लगेगा खमीर उठने में)

खमीर उठे हुए आटे से बराबर की 10 गोल लोई बना ले। फिर उसकी रोटी बेल ले गोल या जैसा
नान आप बनाना चाहे।

तवा गरम करे तवे पर रोटी डाल के दोनों तरफ से
पका ले, फिर सीधे गैस पर डाल के भूरी चित्ती आने
तक दोनों तरफ से अलट पलट के सेक ले।

गरम गरम नान पर घी या बटर लगा दे या फिर ऐसे ही
अपनी मनपसंद दाल या ग्रेवी वाली सब्जी के साथ खाए और खिलाये।


कैसे करें घर पर हेयर स्पा - Hair Spa at Home

सुन्दर व रेशम जैसे लहराते बाल हर किसी की ख्वाहिश होतीं है। इसके लिए हम कई रह तरह के हेअर पैक लगाते है। फिर भी सही रिजल्ट नहीं मिलता है, कारण हमें पता नहीं होता है कि हमारे बाल किस तरह के है। यदि बालों के अनुरूप पैक लगाए जाए तो पूरा रिजल्ट मिलेगा। आइए जाने बालों के अनुरूप कैसे बनाए हेअर पैक...

अपनी त्वचा के पहचानने के तरीके - Identity Of Your Cosmetic Skin

प्रत्येक स्त्री सुन्दर दिखना चाहती है इसके लिये वह तरह-तरह के फेशियल, फेसपैक, स्क्रब आदि का इस्तेमाल करती है परन्तु फिर भी उन्हें सही रिजल्ट नहीं मिलता है कारण यह है कि त्वचा किस प्रकार की है हमें पता नहीं होता आइये जानते है अपनी त्वचा को पहचानने के तरीके...

कैसे करें पैरों की देखरेख - Home Remedies For Foot

वैसे तो सभी स्रियाँ अपनी त्वचा को लेकर काफी जागरूक होती हैं। उनकी देखभाल प्रायः चेहरे के प्रति अधिक रहती है, इस चक्कर मे वे अक्सर अपने पैरों को नजरअंदाज कर देती है, जो कि सही नही है।इससे उनके पैर रूखे और बेजान हो जाते है ।आइए जाने कैसे पाये निजात पैरों की इन समस्याओं से...

हाथ बने खूबसूरत - Home Remedies Of Hand

चेहरे की सुन्दरता के साथ-साथ हाथों की सुन्दरता भी आवश्यक है। दिन भर के काम-काज करते-करते हमारे हाथ भी थक जाते हैं और बेजान हो जाते हैं। जिससे हमारे व्यक्तिव में कुछ न कुछ कमी रह ही जाती है। इन्हें जरूरत है थोड़ी देखरेख की। आइए जाने हाथों को नर्म व सुन्दर बनाने के तरीके ...

सर्दी से बचने के उपाय - Prevention Of Winter Season Diseases

जब मौसम बदलता है तो बीमार होने की आशंका बढ़ ही जाती है। सर्दी का मौसम आते ही खांसी, जुकाम, सिरदर्द, बुखार आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं।अगर सही समय पर सही देखभाल न की जाए तो ये समस्याएं गम्भीर बीमारी का रूप धारण कर लेती हैं। इसके लिए हम कुछ आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर इन बीमारियों से शुरुआत में ही छुटकारा पा सकते हैं। आइए जाने सर्दी से बचने के आयुर्वेदिक उपाय …

दाँतो की समस्याओं का निदान - Teeth Problem Solution

अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि मेरे दाँतो में दर्द है,मसूडों में सूजन है ,दाँत पीले हो गये हैं आदि। इन समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं जैसे-सही खानपान का न होना, दिनभर मुंह चलाते रहना, दाँतों की सही तरीके से सफाई न करना आदि। दाँतों की इन समस्याओं के कुछ घरेलू व आयुर्वेदिक नुस्खे अपनाकर दूर किया जा सकता है…

मुँहासे से छुटकारा पाये - Home Remedies For Acne

टीनएजर्स के चेहरे पर कील-मुहांसों का होना एक आम बात है,किसी को ये ज्यादा दिनों के लिए निकले हैं तो किसी को कम।पेट में कब्ज बने रहने के कारण भी मुंहासें निकलते हैं।कभी कभी ये भयानक रूप भी धारण कर लेते हैं इसके कारण चेहरे की शक्ल भी बिगड़ जाती है। इसके लिए जरूरी है कि शुरुआती दिनों में ही इसे नियंत्रित किया जाये।मुहांसों को कभी भी हाथ से न दबाये क्योकिं इससे चेहरे पर दाग पड़ सकते हैं।मुंहासों के लिए कुछ घरेलू पैक बनाकर भी लगा सकते हैं...

सर्दियों में पाये नर्म व चमकदार त्वचा - Home Remedies For Soft & Light Skin

वैसे तो हर मौसम में त्वचा को नर्म, सुन्दर व् चमकदार बनाने के लिए नमी व पोषण की आवश्यकता होती है, लेकिन सर्दियों के मौसम मे त्वचा को ज्यादा नमी व देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि खुष्क हवाओं के कारण त्वचा बहुत जल्द रूखी व बेजान हो जाती है। कुछ घरेलू टिप्स अपनाकर नर्म व चमकदार स्किन पा सकते हैं...

आँखों के नीचे काले धब्बे (डार्क सर्कल) हटाने के घरेलु टिप्स - Home Remedies For Dark Circle Under Eye

आँखे हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। सुन्दर व स्वस्थ आँखें हमारी खूबसूरती को निखारने का काम करती हैं। सुन्दर आँखें हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लेती हैं। यदि इन्हीं आँखों के काले धब्बे और झुर्रियाँ पड़ जाते हैं तो हमारी सुंदरता कम हो जाती है। आजकल के जीवन शैली का प्रभाव भी आँखों पर पड़ा है। कम सोना,अधिक थकावट, देर तक कम्प्युटर पर काम करना व सही खान पान का न होना आदि कारणों से आँखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते हैं। अगर आँखों की सही देखभाल और संतुलित भोजन लेने से भी इन समस्याओं से दूर रहा जा सकता है। इसके अलावा कुछ घरेलु आसान व कारगर नुस्खे को अपनाकर भी इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं...

सर्दियों में बालों के रूसी से छुटकारा पाये - Home Remedies For Winter Dandruf

सर्दियों के मौसम में रुसी की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। ऑयली बालों में रुसी ज्यादा होती है।रुसी के कारण बालों में खुजली होने लगती है और बाल भी झड़ने लगते हैं।अगर चाहते हैं कि आपके बाल डैन्ड्रफ फ्री हो तो इन घरेलू टिप्स को आजमाये...

कास्मेटिक शब्दावली - Cosmetic Vocabulary

मेकअप करने से पहले और इसके बारे में जानने से पहले मेकअप में प्रयोग होने वाले सौंदर्य प्रसाधन(कास्मेटिक) के बारे में जानना जरूरी है और इससे भी आवश्यक है इसके अंतर्गत प्रयोग किये जाने वाले शब्दों के बारे में जानना,क्योंकि यदि हमें इन शब्दों का सही ज्ञान और इनका सही अर्थ नहीं मालूम होगा तो हमें कास्मेटिक और मेकअप प्रक्रिया को समझने में कठिनाई होगी।इसलिये आज हम कास्मेटिक शब्दावली के बारे में जानेगें.....
▪एलर्जी- कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से त्वचा पर खुजली व लाली का होना।
▪एक्ने- त्वचा पर तैलीय दाने जिसे मुंहासें भी कहते हैं।
▪एंटीऑक्सीडेंट- यह ऑक्सीजन की वजह से तेल व चर्बी को सड़ने से बचाता है। एस्ट्रिजेंट-त्वचा को साफ करके हल्का कसाव देता है। एलास्टिन-यह त्वचा को लचीलापन देता है।
▪एक्स कोलिएसन- त्वचा के ऊपरी परत को उतारना।जैसे-स्क्रब करना।
▪टोनर- रूखी त्वचा को ताजगी देता है और अस्थाई कसाव देता है।
▪बैक्टीरिया- बिल्कुल छोटे कीटाणु जो संक्रमण फैलाते हैं।
▪सेल्युलाईट- ऐसी जमी हुई चर्बी जो आसानी से नहीं घटती।
▪इपीडर्मिस- त्वचा का बाहरी परत होती है।
▪डर्मिस- त्वचा का दूसरा हिस्सा मेलानिन,एलास्टिन,कोलाजिन शिबम और श्वेत ग्रन्थि और खून की धमनियाँ होती हैं।
▪सबडर्मिस- त्वचा का तीसरा स्तर जिसमें मसल्स होती है।
▪डेपीलेसन- बाल उतरने का तरीका होता है।उसके बाद बाल दोबारा उगते हैं।
▪कंडीशनर- बाल के ऊपरी सतह पर छोटे परत को बिछाकर बालों को स्वस्थ बनाता है।
▪कैरोटीन- न घुलने वाला प्रोटीन जो त्वचा,बाल व नाखूनों में पाया जाता है।
▪मेलानिन- त्वचा के रंगके लिए जिम्मेदार।उसका कम या ज्यादा होना त्वचा को गोरा या सांवला बनाता है।
▪मॉइश्चराइजर- यह त्वचा को सूखने से बचाता है।
▪सिबेशियम ग्रन्थि- सिबेशियम ग्रन्थि से निकला तैलीय व चिकना पदार्थ बालों को चमक देता है और त्वचा को नरम करता है।
▪स्वेट(पसीना)- कोशिकाओं का अपशिष्ट पदार्थ (गन्दगी) होता हैं जो त्वचा से बाहर निकलता है।
▪स्क्रब- विशेष फॉर्मूले द्वारा बारीक दानो को क्लिंजिंग बेस में मिलाया जाता है।इससे त्वचा की मृत कोशिकाओं को उतारते हैं।
▪फोटोएजिंग- सूरज की किरणों का त्वचा पर प्रभाव उसकी वजह से हल्की लाल झुर्रियाँ और समय से पहले बुढ़ापा का एहसास।
▪अल्ट्रावॉयलेट- सूरज की हानिकारक किरणें जो त्वचा को झुलसा देती हैं और समय से पहले त्वचा को बूढ़ी कर देती है
▪पोर्स- त्वचा के बाहरी हिस्से में पसीना ग्रंथिं के सूखने की जगह। फेस पैक-कोशिका को नवजीवन और संतुलित करके त्वचा में कसाव देता है।
▪नरिस- त्वचा को पोषण देना।
▪लिपिड- त्वचा में पाये जाने वाला चर्बी।
▪कोशिका(cell)- शरीर कोशिकाओं से बना होता है।
▪ब्लीचिंग- ब्लीच बेजान कोशिकाओं को त्वचा से बाहर निकलता है।रोओं को छिपाने का तरीका है।जिससे रोओं का कलर लाइट हो जाता है।
▪वैक्सिंग- शरीर के अनचाहे बालों को हटाने का तरीका है।
▪सन प्रोटेक्शन फैक्टर(स.पी.फ.)- यह एक तरह का सुरक्षा कवच होता है।इसका uv समतल त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाता है।
▪क्लीनजिंग- त्वचा को साफ करना।इसके लिए बाजार में कई तरह के क्लीनजिंग प्रोडक्ट मिलते हैं या गुलाबजल से भी चेहरा साफ कर सकते हैं।
▪कंसीलर- चेहरे के दाग-धब्बे को छिपाने का काम करता है।
▪फाउंडेशन- मेकअप से पहले बेस तैयार करने के लिए फाउंडेशन लगाया जाता है।इससे चेहरे पर फ्रेश लुक आता है।
▪ब्लशर या रुज- इसका प्रयोग गालों को उभारने के लिए किया जाता है।
▪आईलाईनर- इसका प्रयोग आँखों को हाइलाइट करने के लिए किया जाता है।
▪आईशैडो- इसे पलकों पर लगाया जाता है।
▪मस्करा- पलको की बरौनियों पर लगाया जाता है।
▪लिपिस्टिक- होठों पर लगाया जाता है।
▪लिपलाइनर- होठों को सही शेप देने के लिये प्रयोग किया जाता है।
▪लिपग्लास- इससे होठों को ग्लासी लुक दिया जाता है।
▪हेअर जेल- बालों में लगाया जाता है।
▪नेलपालिश- नाखुनों पर लगाया जाता है।

मुँह के छालों से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे - Homemade Remedies For Mouth Blisters

मुँह में छालों का होना आम समस्या हो गयी है। मुँह में छाले गालों पर,होठों पर और जीभ पर हो जाते हैं। जिसमें दर्द व जलन होता है। मुँह के छाले होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-ज्यादा गर्म व तीखा भोजन करना, पेट में कब्ज का बना रहना आदि। मुख्यरूप से मुँह के छाले आँत की गर्मी के वजह से होते हैं,जिन लोगों को कब्ज बना रहता है, पेट साफ नहीं होता अक्सर उन लोगों को मुँह के छालों की समस्या ज्यादा होती है। इस स्थिति में कुछ भी खाने-पीने में दिक्कत होती है। कभी-कभी दिक्कत इतना अधिक बढ़ जाती है कि बोलना भी मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिये हम कुछ घरेलू व आयुर्वेदिक नुस्खों का भी प्रयोग कर सकते हैं....

लू और गर्मी से बचाव,लक्षण, व घरेलू इलाज - Prevention,Symptoms & Treatment for Heat & Heatstroke

गर्मी का मौसम आते ही चिलचिलाती धूप के कारण गर्म हवाएँ चलने लगती हैं, चारों तरफ का वातावरण एकदम गर्म हो जाता है और टेम्प्रेचर(Temperature) बढ़ जाता है जिसके कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फिर भी घर से बाहर तो निकलना ही पड़ता है और इन समस्याओं से दो चार होना ही पड़ता है। पसीने से तर-बतर लोगों के शरीर में पानी और मिनरल्स (Water&Mineral) की कमी हो जाती है,और लू (Heat Stroke) लगने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस साल तो कई राज्यों में तापमान 50 डिग्री को भी पार कर चुका है,ऐसे में और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखकर इन समस्याओं से निपटा जा सकता हैं तो आइये जाने लू लगने के बचाव,लक्षण व घरेलु इलाज....

आखोँ के लिए जरूरे बातें - Tips Of Eye Care

आंख कई छोटे हिस्सों से बनी एक जटिल ग्रन्थि है, जिनमें से प्रत्येक हिस्सा सामान्य दृष्टि के लिए जरुरी है। स्पष्ट देखने की क्षमता इस बात पर निर्भर करती है कि आंख के सभी हिस्से परस्पर बेहतर तरीके से काम करते हैं कि नहीं। बेहतर विजन के लिए दोनों आँखें एक साथ आसानी से बराबर काम करती हैं। आंख ग्लोब की आकार की होती है और इसकी मोटाई या व्यास एक इंच होती है। आंख जो हम आइने में देखते हैं वो उसका सामने वाला हिस्सा है और इसके अंदर कई भाग होते हैं जैसे-
  • आंख की पुतली (The iris)
  • कार्निया (cornea) या आंखों की पुतली की रक्षा करने वाला सफेद भाग पुतली के भीतर का गोलाकार हिस्सा जिससे होकर आंखों में रोशनी जाती है
  • श्वेत पटल (The sclera- the white part)
  • नेत्र-श्लेषमला(The conjunctiva)

सेहत का रखे ख्याल - Take Care Of Your Health

*व्यायाम का करें नियमित अभ्यास – सूर्योदय से पहले उठकर पार्क जाएं,हरी घास पर नंगे पैर घूमें,दौड़ लगाएं, वाक करें, योगा,प्राणायाम करें, इन उपायों से शरीर से पसीना निकलता है, माँस पेशियों को ताकत मिलती है, शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव होता है, पूरे दिन भर बदन में चुस्ती फुर्ती रहती है, भूख अच्छी लगती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें। 

*आधुनिक जीवन शैली की तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत का विषय बहुत पीछे रह गया है और नतीजा यह निकला की आज हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं व्रद्धावस्था में होते थे और इसकी सबसे बड़ी वजह है खान पान और रहन सहन की गलत आदतें, आओ हम सेहत के इन् नियमों का पालन करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ एवं मजबूत समाज और देश का निर्माण हो, क्योंकि कहा भी गया है- पहला सुख निरोगी काया।

एलर्जी: कारण, लक्षण एवं उपचार - Allergy: Causes, Symptom, & Treatment

एलर्जी या अति संवेदनशीलता आज की लाइफ में बहुत तेजी से बढ़ती हुई सेहत की बड़ी परेशानी है कभी कभी एलर्जी गंभीर परेशानी का भी सबब बन जाती है जब हमारा शरीर किसी पदार्थ के प्रति अति संवेदनशीलता दर्शाता है तो इसे एलर्जी कहा जाता है और जिस पदार्थ के प्रति प्रतिकिर्या दर्शाई जाती है उसे एलर्जन कहा जाता है l एलर्जी किसी भी पदार्थ से ,मौसम के बदलाव से या आनुवंशिकता जन्य हो सकती है एलर्जी के कारणों में धूल ,धुआं ,मिटटी पराग कण, पालतू या अन्य जानवरों के संपर्क में आने से ,सौंदर्य प्रशाधनों से ,कीड़े बर्रे आदि के काटने से,खाद्य पदार्थों से एवं कुछ अंग्रेजी दवाओ के उपयोग से एलर्जी हो सकती है सामान्तया एलर्जी नाक ,आँख ,श्वसन प्रणाली ,त्वचा व खान पान से सम्बंधित होती है किन्तु कभी कभी पूरे शरीर में एक साथ भी हो सकती है जो की गंभीर हो सकती है l

एलर्जी के लक्षण –

मीठी लस्सी - Sweet Lassi

गर्मी के मौसम में शरीर में ठण्डक बनाए रखने लिए ठण्डी चीजों का सेवन करना बहुत ही जरूरी होता है। इसके लिए दही बहुत ही फायदेमंद साबित होता है क्योंकि दही कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन से भरपूर होता है। यह हमारे खाने को पचाने में मदद करता है। लस्सी दही से बना एक पेय है जो ज्यादातर गर्मी के मौसम में बनाया जाता है। वैसे तो पूरे भारत में लस्सी कई तरह से बनायी जाती है, लेकिन पंजाब और उत्तरी भारत में मीठी लस्सी ज्यादातर प्रसिद्ध है। इसे बनाना बहुत ही आसान है, तो आइए आज मीठी लस्सी बनाया जाए...
सामग्री 
500 ग्राम ताजा दही 
1/2 कप दूध 
7-8 चम्मच चीनी 
6-8 बर्फ के टुकड़े 
1 छोटी चम्मच इलायची पाउडर
2 बादाम बारीक कटे हुए 
1 चम्मच मलाई (यदि आप चाहें) 

बनाने की विधि 

सबसे पहले दही, दूध, चीनी को मिक्सी के जार में डाल कर अच्छी तरह से फेंट लें। आप चाहें तो मथनी  से भी मथ सकती हैं। 
फिर इसमें बर्फ के टुकड़े और इलायची पाउडर डाल कर एक बार फिर से मिक्सी को चलाएं ताकि सारी चीजें अच्छी तरह से मिल जाए। 
अब लस्सी को गिलास में डाल कर ऊपर से मलाई डालें। इलायची पाउडर और बादाम  से गार्निश करके ठन्डी लस्सी सर्व करें। आप चाहें तो लस्सी को फ्रिज में रखकर बाद में भी सर्व कर सकती हैं।