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कास्मेटिक शब्दावली - Cosmetic Vocabulary

मेकअप करने से पहले और इसके बारे में जानने से पहले मेकअप में प्रयोग होने वाले सौंदर्य प्रसाधन(कास्मेटिक) के बारे में जानना जरूरी है और इससे भी आवश्यक है इसके अंतर्गत प्रयोग किये जाने वाले शब्दों के बारे में जानना,क्योंकि यदि हमें इन शब्दों का सही ज्ञान और इनका सही अर्थ नहीं मालूम होगा तो हमें कास्मेटिक और मेकअप प्रक्रिया को समझने में कठिनाई होगी।इसलिये आज हम कास्मेटिक शब्दावली के बारे में जानेगें.....
▪एलर्जी- कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से त्वचा पर खुजली व लाली का होना।
▪एक्ने- त्वचा पर तैलीय दाने जिसे मुंहासें भी कहते हैं।
▪एंटीऑक्सीडेंट- यह ऑक्सीजन की वजह से तेल व चर्बी को सड़ने से बचाता है। एस्ट्रिजेंट-त्वचा को साफ करके हल्का कसाव देता है। एलास्टिन-यह त्वचा को लचीलापन देता है।
▪एक्स कोलिएसन- त्वचा के ऊपरी परत को उतारना।जैसे-स्क्रब करना।
▪टोनर- रूखी त्वचा को ताजगी देता है और अस्थाई कसाव देता है।
▪बैक्टीरिया- बिल्कुल छोटे कीटाणु जो संक्रमण फैलाते हैं।
▪सेल्युलाईट- ऐसी जमी हुई चर्बी जो आसानी से नहीं घटती।
▪इपीडर्मिस- त्वचा का बाहरी परत होती है।
▪डर्मिस- त्वचा का दूसरा हिस्सा मेलानिन,एलास्टिन,कोलाजिन शिबम और श्वेत ग्रन्थि और खून की धमनियाँ होती हैं।
▪सबडर्मिस- त्वचा का तीसरा स्तर जिसमें मसल्स होती है।
▪डेपीलेसन- बाल उतरने का तरीका होता है।उसके बाद बाल दोबारा उगते हैं।
▪कंडीशनर- बाल के ऊपरी सतह पर छोटे परत को बिछाकर बालों को स्वस्थ बनाता है।
▪कैरोटीन- न घुलने वाला प्रोटीन जो त्वचा,बाल व नाखूनों में पाया जाता है।
▪मेलानिन- त्वचा के रंगके लिए जिम्मेदार।उसका कम या ज्यादा होना त्वचा को गोरा या सांवला बनाता है।
▪मॉइश्चराइजर- यह त्वचा को सूखने से बचाता है।
▪सिबेशियम ग्रन्थि- सिबेशियम ग्रन्थि से निकला तैलीय व चिकना पदार्थ बालों को चमक देता है और त्वचा को नरम करता है।
▪स्वेट(पसीना)- कोशिकाओं का अपशिष्ट पदार्थ (गन्दगी) होता हैं जो त्वचा से बाहर निकलता है।
▪स्क्रब- विशेष फॉर्मूले द्वारा बारीक दानो को क्लिंजिंग बेस में मिलाया जाता है।इससे त्वचा की मृत कोशिकाओं को उतारते हैं।
▪फोटोएजिंग- सूरज की किरणों का त्वचा पर प्रभाव उसकी वजह से हल्की लाल झुर्रियाँ और समय से पहले बुढ़ापा का एहसास।
▪अल्ट्रावॉयलेट- सूरज की हानिकारक किरणें जो त्वचा को झुलसा देती हैं और समय से पहले त्वचा को बूढ़ी कर देती है
▪पोर्स- त्वचा के बाहरी हिस्से में पसीना ग्रंथिं के सूखने की जगह। फेस पैक-कोशिका को नवजीवन और संतुलित करके त्वचा में कसाव देता है।
▪नरिस- त्वचा को पोषण देना।
▪लिपिड- त्वचा में पाये जाने वाला चर्बी।
▪कोशिका(cell)- शरीर कोशिकाओं से बना होता है।
▪ब्लीचिंग- ब्लीच बेजान कोशिकाओं को त्वचा से बाहर निकलता है।रोओं को छिपाने का तरीका है।जिससे रोओं का कलर लाइट हो जाता है।
▪वैक्सिंग- शरीर के अनचाहे बालों को हटाने का तरीका है।
▪सन प्रोटेक्शन फैक्टर(स.पी.फ.)- यह एक तरह का सुरक्षा कवच होता है।इसका uv समतल त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाता है।
▪क्लीनजिंग- त्वचा को साफ करना।इसके लिए बाजार में कई तरह के क्लीनजिंग प्रोडक्ट मिलते हैं या गुलाबजल से भी चेहरा साफ कर सकते हैं।
▪कंसीलर- चेहरे के दाग-धब्बे को छिपाने का काम करता है।
▪फाउंडेशन- मेकअप से पहले बेस तैयार करने के लिए फाउंडेशन लगाया जाता है।इससे चेहरे पर फ्रेश लुक आता है।
▪ब्लशर या रुज- इसका प्रयोग गालों को उभारने के लिए किया जाता है।
▪आईलाईनर- इसका प्रयोग आँखों को हाइलाइट करने के लिए किया जाता है।
▪आईशैडो- इसे पलकों पर लगाया जाता है।
▪मस्करा- पलको की बरौनियों पर लगाया जाता है।
▪लिपिस्टिक- होठों पर लगाया जाता है।
▪लिपलाइनर- होठों को सही शेप देने के लिये प्रयोग किया जाता है।
▪लिपग्लास- इससे होठों को ग्लासी लुक दिया जाता है।
▪हेअर जेल- बालों में लगाया जाता है।
▪नेलपालिश- नाखुनों पर लगाया जाता है।